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हिन्दी वर्णमाला vedio

https://diksha.gov.in/play/content/do_31400316217977241615148  

एक चींटी की कहानी

 एक रविवार की सुबह, एक अमीर आदमी अपनी बालकनी में बैठकर धूप और कॉफी का आनंद ले रहा था, तभी उसकी नजर एक छोटी सी चींटी पर पड़ी, जो अपने आकार से कई गुना बड़ा पत्ता लेकर बालकनी के एक तरफ से दूसरी तरफ जा रही थी। वह आदमी इसे एक घंटे से अधिक समय तक देखता रहा। उसने देखा कि चींटी को अपनी यात्रा के दौरान कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, वह रुकी, रास्ता बदला और फिर गंतव्य की ओर बढ़ती रही। एक बिंदु पर छोटे जीव को फर्श में एक दरार का सामना करना पड़ा। वह थोड़ी देर के लिए रुका, विश्लेषण किया और फिर दरार के ऊपर बड़ा पत्ता रख दिया, पत्ते के ऊपर चला गया, दूसरी तरफ से पत्ता उठाया और फिर अपनी यात्रा जारी रखी। आदमी चींटी की चतुराई से मोहित हो गया, एक भगवान के सबसे छोटे प्राणियों में से। इस घटना ने उस व्यक्ति को आश्चर्यचकित कर दिया और उसे सृष्टि के चमत्कार पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया। इसने सृष्टिकर्ता की महानता को दर्शाया। उसकी आंखों के सामने भगवान का यह छोटा प्राणी था, जो आकार में छोटा था, फिर भी विश्लेषण, चिंतन, तर्क, अन्वेषण, खोज और काबू पाने के लिए मस्तिष्क से सुसज्जित था। इन सभी क्षमताओं के साथ,...

र का विभिन्न रूप

https://youtu.be/CYDEvFIzY5w?si=gpYd4JoQOsqBRYeM  

How to make handwriting effect without videoscribe (Whiteboard animation) for youtube

https://youtu.be/6XsF1A3eiss  

विशेषण विडियो

https://youtu.be/D1vfH1AL5k4  

भिखारिन कहानी रविंद्र नाथ टैगोर

  भिखारिन कहानी रविंद्र नाथ टैगोर अन्धी प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होती, दर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना हाथ फैला देती और नम्रता से कहती- बाबूजी, अन्धी पर दया हो जाए। वह जानती थी कि मन्दिर में आने वाले सहृदय और श्रध्दालु हुआ करते हैं। उसका यह अनुमान असत्य न था। आने-जाने वाले दो-चार पैसे उसके हाथ पर रख ही देते। अन्धी उनको दुआएं देती और उनको सहृदयता को सराहती। स्त्रियां भी उसके पल्ले में थोड़ा-बहुत अनाज डाल जाया करती थीं। प्रात: से संध्या तक वह इसी प्रकार हाथ फैलाए खड़ी रहती। उसके पश्चात् मन-ही-मन भगवान को प्रणाम करती और अपनी लाठी के सहारे झोंपड़ी का पथ ग्रहण करती। उसकी झोंपड़ी नगर से बाहर थी। रास्ते में भी याचना करती जाती किन्तु राहगीरों में अधिक संख्या श्वेत वस्त्रों वालों की होती, जो पैसे देने की अपेक्षा झिड़कियां दिया करते हैं। तब भी अन्धी निराश न होती और उसकी याचना बराबर जारी रहती। झोंपड़ी तक पहुंचते-पहुंचते उसे दो-चार पैसे और मिल जाते। झोंपड़ी के समीप पहुंचते ही एक दस वर्ष का लड़का उछलता-कूदता आता और उससे चिपट जाता। अन्धी टटोलकर उसके मस्तक को चूमती। बच्चा कौन है? किसक...
 चार चीजें ऐसी जरूरी है जिनको मोमिन की जरूरत है . वह चार चीजें ईमान के बगैर हासिल नहीं हो सकती। सबसे बुनियादी चीज है  अल्लाह के दिन पर इस्तेकामत,   अल्लाह के वादों पर पूरा होना,  अमाल में इखलास का होना,  और आमाल पर अज्र का मिलना