कारक
कारक
तुलना कीजिए :
१. सिपाही ने चोर को पकड़ा।
सिपाही चोर पकड़ा।
२. अशोक पुल पर खड़ा था।
अशोक पुल खड़ा था।
३. पेड़ से पत्ते गिरेंगे।
पेड़ पत्ते गिरेंगे।
ऊपर जो वाक्य पहले लिखे हैं, उनके अर्थ ठीक समझ में आते हैं। दूसरे वाक्यों के अर्थ ठीक समझ में नहीं आते। ठीक अर्थ बताने के लिए शब्दों के साथ 'ने', 'पर', 'से' आदि चिह्न लगाए जाते हैं। इन्हें विभक्तियाँ कहते हैं। इन्हें ही कारक के चिह्न भी कहा जाता है।
हमने जाना : शब्द के उस रूप को कारक कहते हैं, जिससे संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ सम्बन्ध जाना जाए।
चिह्न अर्थ कारक ने जो काम करे कर्ता को जिस पर काम का प्रभाव पड़े कर्म से जिसके द्वारा काम हो करण के लिए जिसके लिए काम हो सम्प्रदान से जिससे कोई वस्तु अलग हो अपादान का, के, की जो किसी से सम्बन्ध बताए सम्बन्ध में, पर या स्थान हो जो काम करने का आधार अधिकरण हे, अरे जिसे सम्बोधन किया (पुकारा) जाए सम्बोधन
ध्यान रहे : कर्त्ता के साथ कहीं-कहीं 'ने' नहीं भी लगता है।
जैसे- मैं पढ़ता हूँ। ललिता खाना खाती है। हिमालय ऊँचा है।
रमेश तेज भागता है। वह पास होगा। तुम कल आना।
करके देखिए :
नीचे लिखे वाक्यों में मोटे टाइप के शब्दों में कौन-सा कारक आता है?
रमा ने पाठ पढ़ा (कर्त्ता कारक)
मैं तो आखाें का डॉक्टर हूँ इसमें कारक क्या है
कारक किसको कहते हैं? ...........
बालिका फूल को देखती है। ...........
सब लड़के कलम से लिखें। ...........
सब के लिए चाय लाओ। ...........
पेड़ से पत्ते गिरते हैं। ...........
अशोक की माताजी आई हैं। ...........
तुम कमरे में बैठो। ...........
छत पर कौन है? ...........
लड़को! पाठ को ध्यान से सुनो। ...........
चाकू से सब्जी काटो। ...........
वह क्या पढ़ेगा? ...........
जेब से रुपये गिर गए। ...........
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