संज्ञा[
संज्ञा
कमला पढ़ रही है।
बन्दर नाच रहा है।
मैं दिल्ली में रहती हूँ।
यह अशोक की पेंसिल है।
नीचे के वाक्यों को देखो :
1. कमला पढ़ रही है।
2. बन्दर नाच रहा है।
3. मैं दिल्ली में रहती हूँ।
4. यह अशोक की पेंसिल है।
बालिका - एक लड़की का नाम है।
बन्दर - एक पशु का नाम है।
दिल्ली - एक स्थान (नगर) का नाम है।
अशोक - एक बालक का नाम है।
पेंसिल - एक वस्तु का नाम है।
किसी के भी नाम को संज्ञा कहते हैं।
हमने जाना :
जो शब्द किसी मनुष्य, जीव, स्थान या वस्तु का नाम बताएँ उन्हें संज्ञा कहते हैं।
1. हर एक मनुष्य का कोई न कोई नाम है। जैसे- हरि, अशोक,अकबर, एंथनी, रीटा, लता, आशा, नजमा आदि।
2. हर एक पशु का कोई नाम है। जैसे- गाय, घोड़ा, बन्दर,रीछ, हाथी, बकरी आदि।
3. हर एक स्थान का कोई नाम है। जैसे- भारत, इंग्लैंड,दिल्ली, मैसूर, चाँदनी चौक, स्कूल आदि।
4. हर एक वस्तु का कोई न कोई नाम है। जैसे- पेंसिल,कागज, पुस्तक, पेड़, पत्ता, फूल, मेज, कुर्सी आदि। येशब्द नाम संज्ञा हैं।
करके देखें :
नीचे लिखे वाक्यों में जो संज्ञा हैं उनके नीचे रेखा खींचिए :
1. अनिल विद्यालय में पुस्तक पढ़ता है।
2. वृक्ष में फल गिरते हैं।
3. मेज पर चाकू रखा है।
4. रमा आशा के घर जा रही है।
5. यात्री नाव में बैठकर नदी को पार करते हैं।
6. मोहनदास गाँधी देश के एक बड़े महात्मा थे।
7. दूध पीकर पानी मत पियो।
8. जिसे अपने देश पर अभिमान नहीं, वह मनुष्य नहीं पशुहै।
पाँच बालकों, पाँच जानवरों, पाँच मिठाइयों और पाँच खेलों केनाम लिखिए।
नीचे लिखे वाक्यों में जो-जो संज्ञा हैं उन्हें चुनकर खाली स्थानोंपर लिखिए :
क- मेरी बहन कक्षा में प्रथम रहती है। ..¤É½þxÉ..,.. EòIÉÉ..
ख- बुद्धू ने चोरी करके अच्छा काम नहीं किया। .... .......
ग- सदा आँखों से देखकर चलो ............ ...............
घ- घोड़ा हरी घास खाता है। ............... ................
ड- मेरी माताजी बंगलौर गयी हैं। ........................... .
जोड़े संज्ञा शब्द
सम्बन्धियों के नाम
करके देखिए :
कुछ जोड़े शब्द हैं, वे अधिकतर साथ-साथ आते हैं। देखिएध्
धूप-छाँव जीत-हार सर्दी-गर्मी
दिन-रात सुबह-शाम साँझ-सवेरे
घर-द्वार गुरु-शिष्य दाल-रोटी
अन्न-जल हाथ-पैर आँख-कान
गाँव-नगर नर-नारी मर्द-औरत
नदी-नाले माता-पिता माँ-बाप
सुख-दुख गाय-भैंस बैल-गाड़ी
लड़का-लड़की बेटा-बेटी ईंट-पत्थर
फल-फूल पशु-पक्षी जीव-जन्तु
कलम-दवात पेंट-कोट कुर्ता-धोती
सम्बन्धियों (रिश्तेदारों) के नाम भी संज्ञा शब्द हैं। जैसे-
पिता माता दादा दादी
नाना नानी मामा मामी
बुआ फूफा चाचा चाची
भाई बहन बेटा बेटी
ननद ननदोई जेठ जिठानी
ससुर सास परनाना भाभी
भतीजा भानजा पोता धेवता (दोहता)
नीचे लिखे शब्दों के सामने उनके जोड़ के शब्द लिखकर उनके जोड़े शब्द बनाइए -
दिन-रात कुर्ता-... गुरु-...
हाथ-... जीव-... माता-...
लड़का-... धूप-... सर्दी-...
सुख-... नदी-... गाय-...
माँ-... गाँव-... सुबह-...
घर-... जीत-... अन्न-...
क्या कहते हैं?
पिता के पिता को दादा कहते हैं।
पिता की माता को। .. कहते हैं।
पिता की बहन को। .. कहते हैं।
बहन के पति को। .. कहते हैं।
भाई की पत्नी को। .. कहते हैं।
भाई के पुत्र को। .. कहते हैं।
बहन की लड़की को। .. कहते हैं।
नीचे लिखे वाक्यों में संज्ञा शब्दों के नीचे लकीर (रेखा) खींचिए :
यह पुस्तक है। पुस्तक में चित्र है।
यह कलम है। कलम हाथ में है।
दवात मेज पर है। दवात में स्याही है।
यह कमीज है। कागज सफेद है।
यह फूल है। वे चार फूल हैं।
ये कितने फल हैं। ये एक दर्जन फल हैं।
यह सड़क है। वे मकान हैं।
यह विद्यालय है। यह हमारा खेल का मैदान है।
नीचे लिखी संज्ञाओं में एक-एक भिन्न (अलग) जाति का शब्द आ गया है। उसके नीचे रेखा खींचिए -
1. कमीज, पाजामा, कोट, ब्लाउज, साड़ी, पैर, पतलून.
2. मेज, कुर्सी, अनार, अलमारी, बेंच, स्टूल.
3. पानी, दूध, चाय, स्याही, कॉफी, शर्बत.
4. मोर, तोता, कबूतर, चीता, कौआ, चिड़िया.
5. सिंह, बाघ, रीछ, मछली, भेड़िया.
6. अध्यापक, डॉक्टर, सिपाही, स्कूटर, सैनिक.
7. सोमवार, मंगलवार, बुधवार, शनिवार, त्यौहार, शुक्रवार.
8. लोहा, तांबा, चीनी, टीन, जस्त, पीतल, सोना.
9. गोभी, टमाटर, भिंडी, करेला, चीकू, कमल, ककड़ी.
10. दिल्ली, मुंबई, मद्रास, कलकत्ता, मथुरा, पंजाब.
11. पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा, अमृतसर, केरल, उड़ीसा.
जातिवाचक संज्ञा[सम्पादन]
मैं अतुल हूँ। हम बालक हैं।
यह हैरी है। ये कुत्ते हैं।
यह लता है। ये लड़कियाँ हैं।
यह महात्मा गाँधी हैं। ये मनुष्य हैं।
यह रामायण है। ये पुस्तकें हैं।
ऊपर के वाक्यों को देखिए और ध्यान से पढ़िए।
1. अतुल एक बालक का नाम है।
बालक कहने से सब बालकों का पता चलता है।
2. हैरी एक कुत्ते का नाम है।
कुत्ता पशुओं की एक जाति का नाम है।
3. लता एक बालिका का नाम है।
बालिका कहने से सब बालिकाओं का बोध होता है।
4. महात्मा गाँधी एक मनुष्य का नाम है।
महात्मा गाँधी कहने से सारी मनुष्य जाति का लोगों कापता चलता है।
अतुल बालक
हैरी कुत्ता
लता बालिका
महात्मा गाँधी मनुष्य
रामायण पुस्तक
हमने जाना : जिस संज्ञा से किसी एक ही विशेष मनुष्य, पशु, पक्षी या वस्तु का पता चले वह संज्ञा होती है। जैसे- महात्मा गाँधी, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, हिमालय, गंगा, लाल किला, दिल्ली।
जिस संज्ञा शब्द से किसी जाति का बोध हो से उस पूरी जाति का बोध होता है। कहने से हमारा ध्यान एक विशेष नदी की ओर जाता है। परन्तु नदी तो सभी नदियों का नाम है।
कहने से एक खास देश का पता चलता है। देश में तो सभी
व्यक्तिवाचक जातिवाचक
व्यक्ति-वाचक
जातिवाचक
यमुना
भारत
देश आ जाते हैं। कहने से एक विशेष पहाड़ का पता चलता है। पहाड़ शब्द तो सभी पहाड़ों को बताता है।
1. शब्द जो जातिवाचक नहीं हैं उनके नीचे रेखा खींचिए :
मनुष्य, राजू, बेल, नदी, जानवर, हिरन, ताजमहल।
2. जो व्यक्तिवाचक नहीं हैं उनके नीचे रेखा खींचिए :
महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, मोरारजी देसाई, विद्यालय, रीछ, अशोक, छात्र, नदी, दिल्ली, इंगलैंड।
3. जो संज्ञा (नाम) नहीं हैं उनके नीचे रेखा खींचिए :
क- काम, अच्छा, होता है, क्यों, कैसे, अकबर।
ख- अशोक, लन्दन, पेरिस, फ्रांस, कब, अनिल, जाएगा।
ग- यह, पेंसिल, स्कूल, नाक, मुँह, साफ, कहाँ।
4. नीचे लिखी कविता में जो शब्द एक का नाम(व्यक्तिवाचक संज्ञा) हैं, उनके नीचे लकीर खींचिए :
इक्का-दुक्का, तिक्का-चौका, छक्का-सत्ता,आओ भाई, रेल बनाओ, चलो चलें कलकत्ता।
चूहा चला विलायत, तीरथ करने जाती बिल्ली,कलकत्ते की सैर करेंगे, फिर पहुँचेंगे दिल्ली।
मेंढक जी मद्रास चलेंगे, मानसरोवर सारस,लंगड़ा आम चखेंगे चलकर कुछ दिन बाद बनारस।
ताजमहल देखेगा तोता, मंसूरी बुलडाग,संगम में तैरेंगे जी-भर जाकर तीर्थ प्रयाग।
मथुरा के पेड़े खाएँगे नाच-नाचकर मोर,देखेंगे राणा प्रताप का हम प्यारा चित्तौड़।
पंडित जी को राम-राम मुल्ला जी को आदाब,अमृतसर में लस्सी पीने चलो चलें पंजाब।
पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, दौड़ रही है रेल,चलो बम्बई जाकर खाएँ दो आने की भेल।
मगर देखना मौज-मजे में कहीं न हो हैरानी,देखो तो गाड़ी में कितना बचा कोयला-पानी?
भाववाचक संज्ञा[सम्पादन]
यह तो हमने जान लिया कि किसी मनुष्य, पशु, पक्षी, जीव, स्थान और वस्तु के नाम को संज्ञा कहते हैं। किसी सजीव या निर्जीव(बेजान) को हम उसके नाम से ही पहचानते हैं। सब ठोस चीजों का कोई न कोई नाम होता- यह बात हमने समझ ली।परन्तु क्या आप जानते हैं कई नाम ऐसे हैं जो ठोस प्राणियों या पदार्थों के नहीं? ऐसे नाम अर्थात् संज्ञा शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण, दोष, धर्म, दशा, आदत या काम को बतलाते हैं।
नीचे लिखे वाक्यों को पढ़िए :
1. लाल किले की सुन्दरता देखते ही बनती है।
2. पिकनिक पर न जाने से लता के मुँह पर उदासी छा गई।
3. अतुल की मुस्कराहट कितनी प्यारी है।
4. अशोक की अनिल से मित्रता हो गई है।
5. भारत के गाँववासियों की निर्धनता कब दूर होगी?
6. पिछले साल से हमारे देश की दशा अच्छी है।
7. बाढ़-पीड़ितों की सहायता करना हमारा कर्तव्य है।
8. क्या तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं?
9. बीमारों की सेवा करनी चाहिए।
10. अनवर की सच्चाई छिपी न रही।
क- तुम झूठ क्यों बोलते हो?
ख- हमें स्कूल की ºÉVÉÉ´É]õ करनी है।
ग- हिमालय की ऊँचाई सब पहाड़ों से अधिक है।
घ- अभी हमारा बचपन है, खेलने-खाने के दिन हैं।
ड- नन्हें-मुन्ने की हँसी पर सब खुश होते हैं।
च- तुम्हारा पत्र पाकर बहुत खुशी हुई।
छ- राणा प्रताप की वीरता की सब प्रशंसा करते हैं।
ज- तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?
झ- चीन ने 1962 में भारत पर चढ़ाई की थी।
ञ- अच्छे बालक क्रोध नहीं करते।
एक
दो
हमने जाना- जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण,दोष, दशा (हालत), धर्म, आदत (स्वभाव) या स्थिति कोबतलाएँ उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
नीचे दिये शब्दों में 'ना' हटा दो और 'वट' जोड़ दो। फिर दायींतरफ के खाली स्थान पर उस शब्द को लिखो। दायीं तरफलिखे शब्द भाववाचक संज्ञा हो जाएँगे।
सजाना सजावट
लिखना ........
बनाना ........
रोकना रुकावट
गिरना ........
चढ़ना चढ़ाई
पढ़ना ........
कमाना ........
लड़ना ........
मुस्कराना मुस्कराहट
चिल्लाना ........
घबराना ........
भला भलाई
बुरा ........
अच्छा ........
लड़का लड़कपन
बच्चा ........
पागल ........
मोटा मोटापा
बूढ़ा
करके देखें :
शब्द भाववाचक संज्ञा
'ना' हटाकर 'आई' लगा दो :
'ना' हटाकर 'हट' लगा दो :
अन्त में 'ई' जोड़ दो :
अ' हटाकर 'पन' लगा दो :
अन्त में 'पा' लगा दो :
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