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competency based Learning module 1

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https://diksha.gov.in/play/collection/do_3130894955933614081486?contentId=do_31308227401590374419928   https://diksha.gov.in/play/collection/do_3130894955933614081486?contentId=do_31308237168977510419936 https://diksha.gov.in/play/collection/do_3130894955933614081486?contentId=do_313082408973123584114860

Webinar on ICT Tools : Creating Interactive Content Using Genially

https://youtu.be/TREBoomTZLI  

Webinar on ICT Tools : Formative Assessment Using Goformative (Hindi)

https://youtu.be/WO0HzkMpyvI  

सबसे बड़ा__मूर्ख__कौन.... Inspirational Hindi story..

https://youtu.be/lh2Y64Al8dU  

19 ऊँटो की एक प्रेरक कहानी।एक प्रेरणादायक हिंदी कहानी। Hindi kahaniya।By Ajay Nagar Hindi kahaniya.

https://youtu.be/4Qw6WbCsM_w  

अपठित गद्यांश-बरगद का पेड़

 बरगद का पेड़  किसी गाँव में बरगद का एक पेड़ बहुत वर्षों से खड़ा था। गाँव के सभी लोग उसकी छाया में बैठते थे, गाँव की महिलाएं त्यौहारों पर उस वृक्ष की पूजा किया करती थीं। ऐसे ही समय बीतता गया। और कई वर्षों बाद वृक्ष सूखने लगा। उसकी शाखाएं टूटकर गिरने लगीं और उसकी जड़ें भी अब कमजोर हो चुकी थीं। गांववालों ने विचार किया कि अब इस पेड़ को काट दिया जाये और इसकी लकड़ियों से गृहविहीन लोगों के लिए झोपड़ियों का निर्माण किया जाये। गाँववालों को आरी-कुल्हाड़ी लाते देख, बरगद के पास खड़ा एक वृक्ष बोला- “दादा! आपको इन लोगों की प्रवृत्ति पर जरा भी क्रोध नहीं आता, ये कैसे स्वार्थी लोग हैं, जब इन्हें आपकी आवश्यकता थी तब ये आपकी पूजा किया करते थे, लेकिन आज आपको टूटते हुए देखकर काटने चले हैं।” बूढ़े बरगद ने जवाब दिया- “नहीं बेटे! मैं तो यह सोचकर बहुत प्रसन्न हूँ कि मरने के बाद भी मैं आज किसी के काम आ सकूंगा। ” असल बात यह है कि परोपकारी व्यक्ति सदा दूसरों के प्रति करुणा का भाव रखते हैं और उनकी ख़ुशी और उनके सुख में अपना सुख समझतेहैं।  प्रश्न  1. गाँव के लोग कहाँ बैठे थे? 2.  महिलाएँ क्या करती थी...

Nurani नूरानी कायदा का इजरा

 तख्ती नंबर 3 -   हरकात  जबर जेर पेश को हरकत कहते हैं।  हम जा जबर अ- हमजा के ऊपर जबर है जबर को जल्दी पढ़ें थोड़ा भी ना खींचे। बा जबर ब - ब के ऊपर जबर है जबर को जल्दी पढ़ें थोड़ा भी ना खींचे। ता जेर ती - ता के नीचे जेर है ज़ेर को जल्दी पढ़ें थोड़ा भी ना खींचे मारूफ़ पढ़ें मझहूल आवाज़ से बचें जीम के ऊपर पेश है । पेश को जल्दी पढ़ें थोड़ा भी ना खींचे मारूफ़ पढ़ें मझहूल आवाज़ से   बचें हुरुफे मद्दा तीन हैं - अलिफ, या ,वाओ   इनको थोड़ा खींचकर पढ़ें. अलिफ से पहले जबर हो। अलिफ मद्दा हमजा अलिफ ज़बर आ- अलिफ से पहले ज़बर है इसलिए अलिफ मद्दा होगा । अलिफ मद्दा को एक अलिफ के बराबर खींचकर पड़ेंगे । बा अलिफ जबर बा -अलिफ से पहले ज़बर है इसलिए अलिफ मद्दा होगा। अलिफ मद्दा को एक अलिफ के बराबर खींचकर पड़ेंगे । या मद्दा - हमजा या ज़ेर ई- या साकिन से पहले जे़र है इसलिए या मद्दा होगा। या मद्दा को एक अलिफ के बराबर खींच कर पड़ेंगे। बा  या ज़ेर बी- या साकिन से पहले जे़र है इसलिए या मद्दा होगा। या मद्दा को एक अलिफ के बराबर खींच कर पड़ेंगे। वाव मद्दा -  हमजा वाव पे...