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भिखारिन कहानी रविंद्र नाथ टैगोर

  भिखारिन कहानी रविंद्र नाथ टैगोर अन्धी प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होती, दर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना हाथ फैला देती और नम्रता से कहती- बाबूजी, अन्धी पर दया हो जाए। वह जानती थी कि मन्दिर में आने वाले सहृदय और श्रध्दालु हुआ करते हैं। उसका यह अनुमान असत्य न था। आने-जाने वाले दो-चार पैसे उसके हाथ पर रख ही देते। अन्धी उनको दुआएं देती और उनको सहृदयता को सराहती। स्त्रियां भी उसके पल्ले में थोड़ा-बहुत अनाज डाल जाया करती थीं। प्रात: से संध्या तक वह इसी प्रकार हाथ फैलाए खड़ी रहती। उसके पश्चात् मन-ही-मन भगवान को प्रणाम करती और अपनी लाठी के सहारे झोंपड़ी का पथ ग्रहण करती। उसकी झोंपड़ी नगर से बाहर थी। रास्ते में भी याचना करती जाती किन्तु राहगीरों में अधिक संख्या श्वेत वस्त्रों वालों की होती, जो पैसे देने की अपेक्षा झिड़कियां दिया करते हैं। तब भी अन्धी निराश न होती और उसकी याचना बराबर जारी रहती। झोंपड़ी तक पहुंचते-पहुंचते उसे दो-चार पैसे और मिल जाते। झोंपड़ी के समीप पहुंचते ही एक दस वर्ष का लड़का उछलता-कूदता आता और उससे चिपट जाता। अन्धी टटोलकर उसके मस्तक को चूमती। बच्चा कौन है? किसक...
 चार चीजें ऐसी जरूरी है जिनको मोमिन की जरूरत है . वह चार चीजें ईमान के बगैर हासिल नहीं हो सकती। सबसे बुनियादी चीज है  अल्लाह के दिन पर इस्तेकामत,   अल्लाह के वादों पर पूरा होना,  अमाल में इखलास का होना,  और आमाल पर अज्र का मिलना

Kinemaster tuterial

https://youtu.be/pkMelu12n_s  

हिंदी पखवाडा डीएवी एम सी एल डेरा

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Hindi Diwas 2021: 14 September को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें इसका इतिहास | वनइंडिया हिंदी

https://youtu.be/ZXn5yi2z11c  

हिंदी दिवस 2021

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सांस्कृतिक विरासत में जिसने बढ़ाया मान हमारा, हिंदी है गौरव गान हमारा, हिंदी है गौरव गान हमारा विश्व पटल पर स्वाभिमान की आशा है, कौन कहता है हिंदी सिर्फ एक भाषा है बदलते वक्त ने हमको मुश्किल में रखा है, पर फिर भी हमने हिंदी को दिल में रखा है, खुद से खुद का मुलाकात है हमारे लिए, ये हिंदी भाषा नही, जज्बात है हमारे लिए, कला ,साहित्य के क्षेत्र में योगदान अमूल्य है, जिससे जीवन का सार सिखा, वो हिंदी अतुल्य है भाषा व्यक्तित्व का आधार है, भाषा इंसानियत में निखार है भाषा बर्बरता से अलगाव है,  भाषा सामाजिक मजधार में नाव है, जो नफरत की दीवार तोड़े, उसका अभिलाषी हूं, हां मैं हिंदी-भाषी हूं, हां हां मैं हिंदी भाषी हूं आओ मिलकर करतें हैं स्वयं ही गुणगान हमारा, हिंदी है गौरव गान हमारा, हिंदी है गौरव गान हमारा  हिंदी के विषय में कुछ रोचक व ज्ञानवर्द्धक जानकारी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है हिंदी. यह देश के करोड़ों लोगों की मातृभाषा है लेकिन फिर भी हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं कह सकते कि वे इस भाषा के बारे में सब कुछ जानते हैं, मैं यहाँ हिंदी भाषा से संबंधित कुछ ...

Hindi Stories for Kids Collection Vol.2 | Infobells

https://youtu.be/ekw20C7gCdU